ढाका. प्रतिबंधित बांग्लादेशी आतंकी संगठन – अंसार अल इस्लाम (एआई) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) ने क्रिप्टोकरेंसी के रूप में कश्मीर के एक आतंकी संगठन को बड़ी रकम भेजी है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
पुलिस के मुताबिक, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) के एक विशेष एक्शन ग्रुप – काउंटर टेररिज्म एंड ट्रांसनेशनल क्राइम यूनिट (सीटीटीसी) ने सितंबर, 2019 में एआई संगठन के दो आतंकियों अवल नवाज उर्फ सोहेल नवाज और फजल रब्बी चौधरी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने कहा कि साल 2014 से बिटकॉइन सिस्टम के माध्यम से आतंकवादी समूहों को बड़ी धनराशि प्राप्त होती रही है। दोनों ने यह भी दावा कि क्रिप्टोकरेंसी के रूप में उन्हें पाकिस्तान और खाड़ी देशों से भी खूब पैसे मिले हैं।
आतंकियों ने इस बात का भी दावा किया कि पहले वे ‘हुंडी’ के माध्यम से धन इकट्ठा करते थे, लेकिन अब कानून की इस पर नजर है। इसके चलते उन्होंने बिटकॉइन का रास्ता अपनाया। उनके मुताबिक, नियोजित आतंकी गतिविधियों के लिए अवैध धनराशि के आदान-प्रदान का यह एक आसान तरीका है।
स्पेशल एक्शन ग्रुप के अतिरिक्त उपायुक्त अहमदुल इस्लाम ने आईएएनएस को बताया कि क्रिप्टोकरेंसी की मदद से बड़े पैमाने पर आतंकी समूहों का वित्तपोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “बिटकॉइन के अवैध लेन-देन पर नजर रखना बहुत कठिन काम है क्योंकि इसकी निगरानी के लिए हमारे पास उन्नत तकनीकी उपकरण नहीं हैं। भविष्य में वर्चुअल करेंसी की जांच करना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती होगी।”
अगस्त, 2020 में अमेरिकी सरकार ने क्रिप्टो करेंसी के सैकड़ों अकाउंट्स, चार वेबसाइटों, चार फेसबुक अकाउंट्स को जब्त किए जाने का ऐलान किया था, इससे आतंकी समूहों द्वारा डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से धन जुटाने का प्रयास विफल हो गया था। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के रूप में लगभग 20 लाख डॉलर बरामद किया गया था। बांग्लादेश में वर्चुअल करेंसी पर पाबंद है। दिसंबर, 2017 में बांग्लादेश बैंक ने एक नोटिस जारी कर सभी को इस तरह के लेनदेन से बचने की सलाह दी थी। देश में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी), डीएमपी और पुलिस की कुछ अन्य इकाइयां अवैध वर्चुअल लेनदेन की जांच करने के लिए काम कर रही हैं।