अंतरिक्ष जाना चाहते हैं तो यहां मिल रहा है मौका, दिव्यांग भी जा सकते हैं

पेरिस. आकाश की तरफ देखते हुए यदि आपका भी मन होता है कि एक बार अंतरिक्ष में घूमकर आया जाए तो आपके लिए एक मौका है। यह मौका दिव्यांगों के लिए भी है। अपने देश की इसरो की तरह ही यूरोप की एक अंतरिक्ष एजेंसी है, जिसका नाम ईएसए है। ईएसए ही यह मौका देने वाली है। ईएसए ने 11 साल के बाद नए अंतरिक्षयात्रियों की भर्ती का मिशन चालू किया है। अंतरिक्ष जाने के लिए बस आपको ईएसए के मानकों में खरा उतरना होगा।
ईएसए के डायरेक्टर जेन वार्नर के मुताबिक ईएसए चांद और मंगल पर जाने का मिशन बना रही है। उनके मुताबिक इस साल ईएसए महिला अंतरिक्षयात्रियों को प्राथमिकता देने के साथ ही दिव्यांगों को भी मौका देगी।

स्पेस जाने वाले 560 लोगों में सिर्फ 65 महिलाएं हैं
अंतरिक्ष जाने वाले करीब 560 लोगों में महिलाओं की संख्या केवल 65 है। इन 65 में भी 51 अमेरिकी हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अभी तक केवल दो महिलाओं क्लाउडी हैगनरे और सामंथा क्रिस्टोफोत को अंतरिक्ष भेजा है। वार्नर के मुताबिक अब महिलाओं की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। ईएसए के मुताबिक दिव्यांगों को अंतरिक्ष ले जाने के लिए पैरास्ट्रोनेट फिजिबिलटी प्रोजक्ट तैयार किया गया है। ईएसए वह अंतरिक्ष एजेंसी है जिसने सबसे पहले दिव्यांग अंतरिक्ष यात्रियों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की है।

31 मार्च तक कर सकते हैं आवेदन
ईएसए के अधिकारियों का कहना है कि मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को चुनने में 18 महीने का वक्त लगेगा। इसके लिए 31 मार्च तक लोग आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों को एक कठिन चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा। ये प्रक्रिया अक्टूबर 2022 तक चलेगी। अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए उम्मीदवारो के पास नेचुरल साइंस, इंजीनियरिंग, मैथेमेटिक्स (गणित) या कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री होनी चाहिए।

 

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