ममता 15 मार्च से फिर करेंगी चुनाव अभियान का आगाज
कोलकाता – पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी पूरे जोरशोर से 15 मार्च से फिर से अपने चुनाव अभियान का आगाज करेगी। पार्टी सूत्रों ने शनिवार को बताया कि सुश्री बनर्जी 15 मार्च को पुरुलिया में चुनावी सभा को संबोधित करेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री बांकुड़ा में 16 मार्च तथा झारग्राम में 17 मार्च को जनसभाओं को संबोधित करेंगी।
नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में नामांकन और सभा को संबोधित कर लौटते समय बुधवार शाम को मची भगदड़ में सुश्री बनर्जी घायल हो गयी थीं और और इसके बाद उनके एक पैर पर प्लास्टर चढ़ाना पड़ा। घायल होने के बाद उनका कोलकाता स्थित एसएसकेएम अस्पताल में इलाज किया जा रहा था जहां से शुक्रवार को उनको छुट्टी दे दी गयी। एसएसकेएम अस्पताल के एक अधिकारी की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक मुख्यमंत्री को करीब 48 घंटों तक निगरानी में रखने तथा उनकी ओर से छुट्टी देने का अनुरोध करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें छुट्टी देने का फैसला किया।
एसएसकेएम अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने कहा, “सुश्री बनर्जी की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और दवाइयां उन पर बेहतर काम कर रही हैं। छह सदस्यीय डॉक्टरों की मेडिकल टीम ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। हमने उनका प्लास्टर खोल दिया है और दूसरा प्लास्टर लगाया गया है। मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिशा-निर्देश जारी करने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। उन्हें एक सप्ताह के बाद दोबारा जांच कराने के लिए कहा गया है। ”
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मुख्यमंत्री को व्हीलचेयर पर बाहर आते हुए देखा गया। तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने नंदीग्राम की घटना को लेकर शुक्रवार को यहां निर्वाचन आयोग के अधिकारियाें से मुलाकात की। तृणमूल सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में डेरेक ओ’ब्रायन, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मंडल और शांतनु सेन शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पर हमले के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गहरी साजिश है। उन्होंने इस घटना की तत्काल और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा,“ हम नंदीग्राम में सुश्री बनर्जी को चोट लगने की उच्च-स्तरीय जांच की मांग करते हैं। ”
तृणमूल के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा,“ हम नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हुए हमले की हम उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं। जब यह घटना हुई उस समय वहां पर कोई स्थानीय पुलिस कर्मी नहीं था। मुख्यमंत्री के जीवन को खतरा है इसमें कोई संदेह नहीं है। यह हमला गहरी साजिश का हिस्सा है। ” श्री रॉय ने कहा,“ वरिष्ठ अधिकारियों को हटाना और फिर ममता जी का चोटिल होना राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति का दर्शाता है। हम किसी भी पार्टी का नाम नहीं लेते, लेकिन इसके पीछे एक गहरी साजिश हैं, यह तब पता चलेगा, जब मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी। हमें चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष जांच कराये जाने की उम्मीद है।”
तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, “ममता बनर्जी देश में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं। सभी ने इस घटना पर अपनी चिंता व्यक्त की है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का अभी तक कोई संदेश नहीं आया है।”
श्री चटर्जी ने कहा,“ एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) और महानिदेशक को बदला गया है। इसके तुरंत बाद यह घटना हुई। अब पूरी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है कि वह यह साबित करे कि कहां चूक हुई है और क्यों हुई है।”
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी एरीज आफताब ने एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) और राज्य नोडल अधिकारी जगमोहन के साथ राज्य में जिला मजिस्ट्रेटों के साथ वर्चुअल बैठकें कीं और कड़ी सुरक्षा उपायों पर जोर दिया।
इस बीच एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए दो विशेष पर्यवेक्षक तैयारियों को देखने के लिए शुक्रवार को पूर्व मेदिनापुर जिले में पहुंचे।