अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चांद की सतह पर पानी खोजा है, सहारा रेगिस्तान में मौजूद पानी से भी कम है
वॉशिगटन. अमेरिका की अंतरिक्ष एंजेसी ने बताया है कि चंद्गमा की सतह पर पहले के अनुमानों से ज्यादा पानी मौजूद है। यह पानी चांद के उस हिस्से में मौजूद है, जहां सूरज की किरणें पड़ती हैं। नासा की इस खोज से उम्मीद बढ़ गई है कि भविष्य में स्पेस मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का एक पड़ाव चांद भी हो सकता है, पानी के बाद यहां ईंधन मिलने की भी उम्मीद बढ़ गई है।
नासा की इस खोज को नेचर एस्ट्रोनॉमी में पब्लिश किया गया है। इसमें बताया गया कि चांद के ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ भी मौ जूद हो सकती है। पानी की खोज नासा के स्ट्रेटोस्फियर ऑब्जरवेटरी फॉर इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (सोफिया) ने की है।
🌔 ICYMI… using our @SOFIATelescope, we found water on the Moon's sunlit surface for the first time. Scientists think the water could be stored inside glass beadlike structures within the soil that can be smaller than the tip of a pencil. A recap: https://t.co/lCDDp7pbcl pic.twitter.com/d3CRe96LDm
— NASA (@NASA) October 26, 2020
इससे पहले हुए शोध में भी चांद की सतह को स्कैन करके पानी की मौजूदगी के बारे में बताया गया था, हालांकि तब वैज्ञानिकों के पास पुख्ता सबूत नहीं थे। उन्हें यह तो पता था कि सतह के नीचे ऑक्सीजन और हाइड्रोजन का संयोजन है, लेकिन वे यह नहीं पता लगा पाए थे कि सतह के नीचे हाईड्रोजन के दो अणु हैं यहा ऑक्सीजन के। अगर हाईड्रोजन के दो अणु होते तो पानी होता और नहीं तो हाइड्राक्सिल होता। सोफिया ने चांद के दक्षिणी गोलार्ध में स्थित गड्ढे क्लेवियस क्रेटर में पानी का पता लगाया है।
वॉशिगटन में नासा हेडक्वार्टर में एस्ट्रोफिजिक्स डिवीजन के डायरेक्टर पॉल हर्ट्ज ने कहा कि पहले से संकेत थे कि चंद्रमा के सतह पर सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने वाली सतह पर पानी मौजूद हो सकता है।
नासा 2०24 तक चांद पर अपना मानव मिशन आर्टिमस भेज रहा है। इसके अलावा वह चांद पर मानव बस्तियां भी बसाने जा रहा है।
सोफिया ने चांद की सतह पर जितना पानी खोजा है, उसकी मात्रा अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में मौजूद पानी की तुलना में 1०० गुना कम है।