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वीर भूमि बुंदेलखंड शक्तिपीठ मां पीतांबरा का दरबार: विदेशी सैलानियों एवं श्रद्धालुओं को मिलते दर्शन, भक्तों को धूमावती माई देती आशीर्वाद

भोपाल (पंकज पाराशर छतरपुर) – वीर भूमि बुंदेलखंड के दतिया जिले में शक्तिपीठ मां पीतांबरा माई का विशाल मंदिर है I उसी परिसर में माता धूमावती का मंदिर है। यह विश्व का यह एकलौता मंदिर है। जहां सौभाग्यशाली महिलाओं और अन्य गृहणियों पर माता के दर्शन करने पर रोक है। मंदिर प्रबंधक का कहना है कि मंदिर की ओर से धूमावती माई के दर्शन करने पर पूर्णत रोक है। केवल शनिवार को ही महिलाओं को माता धूमावती के दर्शन करने की अनुमति है, जबकि पुरुष सभी दिन दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के पंडितों के मुताबिक इन छह दिन माता के तेज और रौद्र रूप के कारण महिलाओं को माता के दर्शन करने से वंचित रखा गया है।

शनिवार को माता लक्ष्मी रूप में दर्शन देती हैं, इसलिए महिलाएं इस दिन दर्शन कर सकती हैं। दिन में दो बार होते हैं दर्शन धूमावती माता के दर्शन दिन में दो बार किए जाते हैं। पहला दर्शन सुबह 8 बजे से आरती तक (लगभग आधे घंटे) और दूसरा दर्शन शाम को भी 8 बजे से आरती तक। यहां के मान्यता के अनुसार माता धूमावती ने भूख लगने पर अपने पति शंकर भगवान का भक्षण कर लिया था। पति का भक्षण कर लेने के कारण माता ने विधवा का रूप धारण कर लिया था। माता ने शंकर भगवान का भक्षण करने के बाद में उन्हें धुएं के रूप में बाहर निकाल दिया था। इस दौरान उन्होंने रौद्र रूप धारण कर लिया था, इसलिए उन्हें भक्षण माई व धूमावती माई के रूप में भी जाना जाता है। माता के दर्शन करने के लिए अचंल ही नहीं बल्कि विदेशी श्रद्धालु और पर्यटक दूसरे प्रांतों से लाखों की संख्या में साधु संतों एवं श्रद्धालुओं को तांता हमेशा लगा रहता है l

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