डॉक्टरों ने ट्रम्प को दवाओं का एक कॉकटेल बनाकर दिया गया है, उनकी हालत भी ठीक हो रही है; इस कॉकटेल को आप भी जानिए…

कोरोना से संक्रमित अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को बहुत सारी दवाओं का एक कॉकटेल बनाकर दिया गया है। यह कॉकटेल तैयार किया है अमेरिका की एक ड्रग कंपनी रेजेनरॉन ने। कॉकटेल का मतलब तो समझ ही गए होंगे। किसी बॉर वाले के यहां जाओ और बोलो की कॉकटेल बना दो तो वह रम, व्हिस्की और तमाम तरह के जूस मिलाकर एक गिलास में भरकर दे देगा। इस तरह जब कई तरह के आइटम को एक साथ मिला दिया जाता है तो बनता है कॉकटेल।
ट्रम्प मेरीलैंड के एक मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती हैं। यहां ट्रम्प को जो कॉकटेल दिया गया है, उसमें कोरोना से ठीक हुए मरीजों की एंटीबॉडी शामिल है। इसके साथ ही इसमें जिंक, विटामिन डी, मेलाटोनिन, एस्प्रिन और सीने में जलन को रोकने वाली दवा पेप्सिड भी मिला दी गई है। अब सवाल यह है कि यह दवा दी कैसे गई होगी? इंजेक्शन लगाकर या गोली खिलाकर। नहीं… यह दवा दी गई है ग् लूकोज के जरिए। आइये सबसे पहले इस दवा में मौजूद सभी दवाओंं के बारे में एक-एक करके जानते हैं।…

एंटीबॉडी– इसमें लैब में बनाई गई मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मौजूद हैं। यह एंटीबॉडी मानव शरीर की एंटीबॉडी की सिंथेटिक कॉपी हैं। कोरोना संक्रमित कोई मरीज शुरुआती दिनों में जो एंटीबॉडी बनाता है, ये उसी की नकल हैं। इसके साथ ही कोरोना से ठीक हुए मरीजों की एंटीबॉडी भी शामिल है। इन दो एंटीबॉडी का कॉकटेल कोरोना से लड़ने में सबसे ज्यादा कारगर है।

जिंक- जिंक हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को बढ़ाता है। कहा जा रहा है कि जिंक की कमी से शरीर में सूजन बढ़ने लगती है, जिससे कोरोना मरीजों को दिक्कत बढ़ जाती है। इसका इस्तेमाल गले की समस्या पर भी किया जाता है। हालांकि, अभी साफ नहीं कहा जा सकता कि गले के लिए यह कितना कारगर है।

विटामिन डी- कई अध्ययनों में पता चला है कि अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसकी कमी से थकान भी ज्यादा महसूस होती है और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। कई अध्ययनों में कहा गया है कि अगर शरीर में पर्याप्त रूप से विटामिन डी मौजूद है तो सामान्य जुकाम और सर्दी से बचा जा सकता है।

मेलाटोनिन- यह दवा पर्याप्त नींद आने के लिए दी जाती है। दरअसल, मेलाटोनिन एक प्राकृतिक हार्मोन है, जो मस्तिष्क की एक ग्रन्थि में बनता है। यह हमारे सोने-जागने को कंट्रोल करता है। कई रिसर्च में यह भी पाया गया है कि यह वायरस से होने वाली बीमारियों को रोकता है। अमेरिका की साउथ फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी इस पर रिसर्च भी कर रही है।

एस्प्रिन- यह एक दर्द से छुटकारा दिलाने वाली दवा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शरीर में वायरस को उसकी संख्या बढ़ाने से रोकती है, इसके चलते यह कोरोना के इलाज में भी कारगर है।

पेप्सिड- यह दवा सीने में जलन होने पर दी जाती है। न्यूयॉर्क में कोरोना मरीजों पर इसका ट्रायल चल रहा है। इससे पहले कई ट्रायल में इसके पॉजिटिव रिजल्ट भी देखे गए हैं। अध्ययन में बताया गया कि इसके इस्तेमाल से मृत्युदर में कमी और गंभीर मरीजों की संख्या में कमी आई है।

दवा को लेकर क्या राय?
अमेरिका के फूड और ड्रग डिपार्टमेंट ने अभी तक इस दवा को कोरोना मरीजों के लिए इलाज में इस्तेमाल किए जाने की अनुमति नहीं दी है। हालांकि, कई बार ट्रम्प के बयान के ठीक उलट बयान देने वाले अमेरिका की शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फॉसी ने कहा है कि इस दवा से कोरोना का इलाज किया जा सकता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर हॉर्बी ने भी कहा है कि यह दवा सुरक्षित है।

ट्रम्प ने कहा- मैं बढ़िया हूं
ट्रम्प ने शनिवार रात हॉस्पिटल से एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं। जल्द ही फिर से काम संभाल लूंगा। हालांकि, उनके एडवाइजर ने कहा है कि अगले दो दिन बहुत अहम हैं।

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