नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों को अगर देखें तो पता चलेगा कि बेरोजगारी या कर्ज से देश में हर घंटे एक आत्महत्या हो रही है। 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 1 लाख 30 हजार लोगों ने अपनी जान दी, जिसमें 11 हजार 268 लोगों ने बेरोजगारी या कर्ज की वजह से जान दी। बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सरकारी नौकरी पाना अब बहुत ही ज्यादा दूर की कौड़ी साबित होने लगा है। लाखों युवा तैयारी में जुटे हैं और परीक्षा के इंतजार में कई साल निकाल देते हैं। परीक्षा होती है तो रिजल्ट आने में महीनों लग जाते हैं और फिर जॉइनिंग तक पहुंचते-पहुंचते कई अड़ंगे और आ जाता हैं। नतीजतन युवाओं को अपनी आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ रहा है।
पिछले दो दिनों से #मोदी रोजागार दो, #बहानानहींबहाली_चाहिए जैसे हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। हर रोज करीब 20 लाख से ज्यादा ट्वीट हो रहे हैं। हाल ही में SSC CGL 2019 के टियर-2 का रिजल्ट आया है। स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन यानी की एसएससी सीजीएल (कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जामिनेशन) के जरिए केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में बी और सी ग्रेड के अधिकारियों की भर्ती करता है। यह एग्जाम चार फेज में होता है। टियर-1 और 2 का एग्जाम ऑब्जेक्टिव, टियर- डिसक्रिप्टिव और टियर-4 कम्यूपर बेस्ट स्किल टेस्ट होता है।
नवंबर 2019 में सीजीएल के टियर-2 का एग्जाम15,16 और 18 तारीख को हुआ था, जिसका 19 फरवरी को रिजल्ट आया है। रिजल्ट आने के बाद ही सोशल मीडिया पर कैम्पेन चालू हो गया। छात्रों का कहना था कि 15 और 16 नवंबर के मुकाबले 18 नवंबर का एग्जाम बहुत सरल था। छात्रों ने बहुत अच्छा स्कोर किया था। कईयों के 200 में 200 नंबर आए। रिजल्ट आए तो बहुत अच्छा स्कोर करने वाले छात्र भी बाहर हो गए। एसएससी के एग्जाम में नार्मलाइजेशन की प्रोसेस चलती है। इसीके तहत 15 और 16 को एग्जाम देने वाले छात्रों को 60, 70 नंबर ज्यादा मिले और 18 तारीख को पेपर देने वालों के इतने ही नंबर घटा दिए गए।
छात्रों का आरोप है कि एसएससी एक एग्जाम तीन दिन में कराता है और तीनों पेपर का स्टैंडर्ड एक जैसा नहीं रहता। इसके बाद नार्मलाइजेशन की प्रोसेस लगाता है, जिसकी वजह से कई काबिल छात्रों का सेलेक्शन नहीं हो सका। इसके साथ ही छात्रों की मांग में वेटिंग लिस्ट जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।